अब पाया है अब पाया है मुझे सतगुरु भेद बताया है ॥ टेक ॥
सोना जेवर घडे सुनारा भांत भांत न्यारा न्यारा
जब मैं बेचन गई बजारा भाव बराबर आया है ॥ १
मिट्टी चाक कुलाल फिरावे बर्तन नाना भांत बनावे
किसम किसम के रंग लगावे एक अनेक दिखाया है ॥ २
चतुर जुलाहे तनिया ताना बुनिया वस्तर बहुत सुहाना
एकहि ताना एकहि बाना सबमें सूत लगाया है ॥ ३
सुरनर पशु खग जीव जहाना ऊंच नीच सब भेद मिटाना
ब्रम्‍हानंद स्वरुप पिछाना सब घट एक समाया है ॥ ४