कित जावुं मैं कित जावुं मैं अब कैसे प्रेम निभावुं मैं ॥ टेक ॥
मैं जाना था प्रेम पियारा यह तो निकला दुश्मन भारा
घायल करके मुझको डारा किसको हाल सुनावुं मैं ॥ १
जिसने प्रेम पियाला पीया सो मरमर करके फिर जीया
निशदिन कांपे मेरा हीया कैसे कर समझावुं मैं ॥ २
मजनु लैला ने भटकाया रांझा हीर फ़क़ीर बनाया
सूली पर मनसूर चढाया किसकिस को बतळावुं मैं ॥ ३
मारग कठिन प्रेमका भारी बिरला पहुंचे हिम्मत धारी
ब्रम्‍हानंद परम सुखकारी कैसे दर्शन पावूं मैं ॥ ४