ऊधो वो साँवरी सूरत ह्मारे नैन का तारा || टेक ||
अगर हम जानते मोहन चले जायेंगे गोकुल से
लगाती प्रेम ना उनसे छाड़ घरकाज हम सारा ||
तुमारी ज्ञान की बातें असर करती नहीं दिल में
बसा है कृष्ण हिरदे में नहीं होता कबी न्यारा ||
रहेंगे कंठ में जब तक ह्मारे प्राण देही में
न भूलेगा कबी ह्मको मनोहर रूप वो प्यारा ||
करो तुमही वो निरगुन का ध्यान अरु योग साधन
वो ब्रम्‍हानंद ह्मने तो हरि दिल में बसाया है ||