मेरी बिनती सुनो नाथ तेरी शरण में पडो ॥ टेक ॥ मात तात भाई बंधु स्वारथ...

लगाले प्यारे राम भजन से प्रीत ॥ टेक ॥ मातपिता सुत बांधव नारी सब दोदिनके मीत...

निरंजन पुरका पंथ कठिन है दूर ॥ टेक ॥ लाखों योजन पर्वत ऊंचा घाटी विकट करूर...

निरंजन गुरु का ज्ञान सुनो नरनार ॥ टेक ॥ क्या खोजे बन पर्वत कंदर क्या खोजे...

निरंजन माला घटमें फिरे दिनरात ॥ टेक ॥ ऊपर आवे नीचे जावे श्वास श्वास चल जात...

निरंजन घरका भेद सुनो सब संत ॥ टेक ॥ नहि काशी नहि पुरी द्वारका नहि गिरिशिखर...

निरंजन धुनको सुनता है संत सुजान ॥ टेक ॥ बैठ इकांत जमाकर आसन मूंदलिये दोऊ कान...

निरंजन पदको साधु कोई पाता है ॥ टेक ॥ मूल द्वार से खेंच पवन को उलटा...

कैसे करूं गुरुदेव की महिमा खरी खरी सब बेद ग्रंथ पंथ में गायन करी करी ॥...

जगत में एक सार है धरम धरम धरम करो परोपकार के करम करम करम ॥ टेक...

श्रीरामचंद्र नंदनंदन अब तो दया करो शरण में पडो आन तेरी जान आसरो ॥ टेक ॥...

किस देवता ने आज मेरा दिल चुरा लिया दुनियां की खबर ना रही तन को भुला...