ऐसा गिआनु बीचारै कोई ।।
तिस ते मुकति परम गति होई।। 1 ।। रहाउ ।।
दिन महि रैणि रैणि महि दिनीअरु उसन सीत बिधि सोई ।।
ता की गति मिति अवरु न जाणै गुर बिनु समझ न होई ।। 2 ।।
परख महि नारि नारि महि पुरखा बूझहु ब्रहम गिआनी ।।
धुनि महि धिआनु धिआन महि जानिआ गुरमुखि अकथ कहानी ।। 3 ।।
मन महि जोति जोति महि मनूआ पंच मिले गुर भाई ।।
नानक तिन कै सद बलिहारी जिन एक सबदि लिव लाई ।। 4 ।।