1. तन फुलवारी कुसल मत जानो, दो दिन फूल के गजरा हो।

2. अस्ट पहर की घड़ी बिचारो, सिर पर काल के रगड़ा हो।

3. जल में मीन करत सुख चैना, खैंचत धीमर यमड़ा हो।

4. ज्ञान बिराग बिना भी जोगी, यों हि कहावत सगुरा हो।

5. कहैं कबीर सुनो हो साधो, सब्द न मानैं निगुरा हो।