सब दुनिया सयानी मैं बौरा हम बिगड़े बिगड़ो जिन औरा । टेक मैं नहिं बौरा तैं...

सब दिन होत न एक समाना । टेक एक दिन राजा हरिश्चन्द्र गृह कंचन भरे खजाना...

सपन करि जान्यो यह जिन्दगानी । टेक चार दिना की यह जिन्दगानी नहकै फिरत उतानी ।...

सद्गुरु शरणे जाय के तामस त्यागिये । भला बुरा कहि जाय तो उठि नहिं लागिये ।...

सद्गुरु शरण सहाई हो हंसा सद्गुरु शरण सहाई । निकट गये तन रोग ब्यापै ताप पाप...

सद्गुरु चारों वरण विचारी । टेक ब्राह्मण वही ब्रम्ह को जानै पहिरे जनेउ विचारी । साधुक...

सत्संग बिना जिय तरसे हो । टेक इस सत्संग में लाभ बहुत हैं तुरत मिलावै गुरु...

सत्य नाम का सुमिरण करले कल जाने क्या होय । जागु जागु नर निज आतम में...

संतो ज्ञान लहर धुन माड़ी । शब्द अतीत अनाहत राचे या विधि तृष्णा खाड़ी । टेक...

संतो सो निज देश हमारा । जहाँ जाय फिर हंस न आवे भवसागर की धारा ।...

संतो ससुरे का पठवो सन्देश नैहरवा में आग लगी। टेक नाऊ मरिगे बारी मरिगे मिटगा आवा...

संतो समझे का मत न्यारा जो आतम तत्व विचारा । टेक औरन से कहे आपा खोजो...