तोही मोही मोही तोही अंतरु कैसा।। कनक कटिक जल तंरग जैसा।। जउपै हम न पाप करंता...

झिमि झिमि वरसै अंम्रित धारा।। मनु पीवै सुनि सबद बीचारा।। अनद बिनोद करे दिन राती सदा...

जलि जाउ जीवनु नाम बिना।। हरि जपि जापु जपउ जपमाली गुरमुखि आवै सादु मना।। संता की...

जबै बाण लागियो।। तबै रोस जागियो।। करं लै कमाणं।। हनं बाण ताणं।। सबै बीर धाए।। सरोघं...

रामु सिमरि रामु सिमरि इहै तेरै काजि है।। माइआ को संगु तिआगु प्रभ जू की सरनि...

जो दिन आवहि सो दिन जाही।। करना कूचु रहनु थिरु नाही।। संगु चलत है हम भी...

जाहर पीरु जगतु गुर बाबा।। गंग बनारस हिंदूआ मुसलमाणा मका काबा। घरि घरि बाबा गावीऐ वजनि...

जिस के सिर ऊपरि तूं सुआमी सो दुखु कैसा पावै।। बोलि न जाणै माइआ मदि माता...

गुर तारि तारणहारिआ।। देहि भगति पूरन अविनासी हउ तुझ कउ बलिहारिआ।। हम डोलत बेड़ी पाप भरी...

कलि तारणि गुरु नानक आइआ।। सुणी पुकारि दातार प्रभु गुरु नानक जग माहि पठाइआ। चरन धोइ...

काहे रे बन खोजन जाई।। सरब निवासी सदा अलेपा तोही संगि समाई।। पुहप मधि जिउ बासु...