आपन काहे न सँवारे काजा । टेक  ना गुरु भगति साध की संगत करत अधम निर्लाजा...

आतम खसम राड़ भई धनियाँ झूठ खसम मन भावत रे । टेक  सिष्य  झूठ गुरु  झूठ...

अरे कोई सफा न देखा दिल का ॥ टेक  बिल्ली देखी बगुला देखा सर्प जो देखा...

अमीरस भंवरा चाख लिया ॥ टेक  जाके घट में प्रेम प्रकाशा सो बिरहिन क्यों बारु दिया...

अमरपुर ले चलु  हो सजना ॥ टेक  अमरपुरी की साँकर गलियां गड़बड़ है चलना ।  ठोकर...

गुरु चरणकमल बलिहारी रे मेरे मनकी दुविधा टारी रे ॥ टेक ॥ भवसागर में नीर अपारा...

कैसे करूं गुरुदेव की महिमा खरी खरी सब बेद ग्रंथ पंथ में गायन करी करी ॥...

जिसको नही है बोध तो गुरुज्ञान क्या करे निजरूप को जाना नही पुराण क्या करे ॥...

जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं।। ता दिन तेरे तन तरुवर के सबै पात झरि जैहैं।...

राम सिमर पछतायेगा मन राम सिमर।। पापी ज्योड़ा लोभ करत है आज कल उठ जायेगा। लालच...