रामु सिमरि रामु सिमरि इहै तेरै काजि है।। माइआ को संगु तिआगु प्रभ जू की सरनि...

जाहर पीरु जगतु गुर बाबा।। गंग बनारस हिंदूआ मुसलमाणा मका काबा। घरि घरि बाबा गावीऐ वजनि...

जिस के सिर ऊपरि तूं सुआमी सो दुखु कैसा पावै।। बोलि न जाणै माइआ मदि माता...

गुर तारि तारणहारिआ।। देहि भगति पूरन अविनासी हउ तुझ कउ बलिहारिआ।। हम डोलत बेड़ी पाप भरी...

गुर जैसा नाही को देव।। जिसु मसतकि भागु सु लागा सेव।। सतिगुरु मेरा बेमुहताजु।। सतिगुर मेरे...

ख़ालसा मेरो रूप है ख़ास।। ख़ालसे महि हौ करौ निवास।। ख़ालसा मेरो मुख है अंगा।। ख़ालसे...

कउनु मूआ रे कउनु मूआ।। ब्रहम गिआनी मिलि करहु बीचारा इहु तउ चलतु भइआ।। पवनै महि...

सूरज किरणि मिले जल का जलु हूआ राम।। जोती जोति रली संपूरनु थीआ राम।। ब्रहमु दीसै...