वृक्षवल्ली आम्हा सोयरी वनचरे। पक्षी ही सुस्वरे आळविती।। धृ ।। येण सुखे रुचे एकांताचा वास। नाही...

हरि भजनाविण काळ घालवू नको रे।। धृ ।। दोरीच्या सापा भिऊनी भवा। भेटी नाही जीवा शिवा।...

ये इच्छा मार देगी तुझे ये इच्छा मार भटकायेगी तुझे।। ध्यान करो तुम आत्मा का आत्मा...

गुरुजी म्हारा कान मां कही कही गया। सदगुरु मेरा दिल में रहता सत पथ की राह...

कउनु मूआ रे कउनु मूआ।। ब्रहम गिआनी मिलि करहु बीचारा इहु तउ चलतु भइआ।। पवनै महि...

सूरज किरणि मिले जल का जलु हूआ राम।। जोती जोति रली संपूरनु थीआ राम।। ब्रहमु दीसै...