मुझे दीजे दरस गिरधारी रे ॥ टेक ॥ शीश किरीट गले बनमाला कुंडल की छवि न्यारी...

मुझे दे दर्शन गिरिधारी रे तेरी सांवरी सूरत पे वारीरे ॥ टेक ॥ जमुनातट हरि धेनु...