कउनु मूआ रे कउनु मूआ।। ब्रहम गिआनी मिलि करहु बीचारा इहु तउ चलतु भइआ।। पवनै महि...

सूरज किरणि मिले जल का जलु हूआ राम।। जोती जोति रली संपूरनु थीआ राम।। ब्रहमु दीसै...

ईभै बीठलु उभै बीठलु बीठल बिनु संसार नही।। थान थनंतरि नामा प्रणवै पूरि रहिओ तूं सरब...

मैं बौरी मेरा राम भतार रचरच ताको करो श्रृंगार। भले निन्दो भले निन्दो भले निन्दो लोग...

प्राणी क्या तेरा क्या मेरा जैसे तरवर पंखि बसेरा। जल की भीति पवन का थंभा रक्त...