मैनावती वचन उचारा सुन गोपीचंद पियारा टेक जिनकी कंचन सी काया धन जोबन रूप सवाया जी...

यमराज कहे दंडधारी सुन जीव तू बात हमारी टेक मानुष तन तुझने पाया क्यों हरि के...

कहे पांडव कृष्ण मुरारी अब रखिये लाज हमारी टेक दुर्वासा मुनि चल आया संग शिष्य ह्जारो...

कहे कृष्ण मोरध्वज राजा तुम सब भक्तन सिर ताजा टेक साधुन का वेश बनाये हम द्वार...

सिरी कृष्ण लाज रख मेरी मैं शरण पड़ी हूं तेरी टेक दुर्योधन कपट चलाया सब पांडव...

सिरी राम कहे हनुमाना सुन बचन कहूँ परमाना टेक तुम सीता खबर सुनाई मेरे मन की...

सिरी राम कहे बिलपाई अब जागो प्यारे भाई टेक वह मेघनाथ हत्यारा जिन शक्तिबान कस मारा...

सिरी राम कहे सुखकारी सुन शबरी बात हमारी टेक जप तप व्रत योग विधाना बहु वेद...

सिरीराम कहे समझाई सुन लछ्मन प्यारे भाई टेक निवास पिता ने दीना मैने बचन शीश धर...

महादेव कहे निर्बानी सुन गिरिजा अमर कहानी टेक जब प्राण अपान मिलावे तब कुण्डलनी उठ जावे...

शुकदेव कहे तप धारी सुन रंभा बात ह्मारी टेक तुम सुंदर रूप बनाया सब हार सिंगार...

शुकदेव समझ मन माँहि मैं स्वर्ग लोक से आई टेक रंभा है नाम हमारा सब परियों...