मानत नहिं मन मोरा साधो मानत नहिं मन मोरा। बार बार मैं कहि समुझावौं जग में...

जब सन्त सहारा बन जाए तो काहे मन घबराए। जब गुरु पूर्ण है मिला तुझे फिर...

सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा। संगता ममता सत् गुरु तोड़ी प्रेम की डोर तुम संग...

लग चुकी बाजी अब तो लग चुका दाव रे। तेरा फैसला क्या बता मेरे सांवरे। मेरा...