है मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री॥ कैं कहुं काज किया संतन का कै कहुं गैल...

प्रभु जी थे कहां गया नेहड़ो लगाय। छोड़ गया बिस्वास संगाती प्रेमकी बाती बलाय॥ बिरह समंद...

सांवरा म्हारी प्रीत निभाज्यो जी॥ थे छो म्हारा गुण रा सागर औगण म्हारूं मति जाज्यो जी।...

माई म्हारी हरि जी न बूझी बात। पिंड मांसूं प्राण पापी निकस क्यूं नहीं जात॥ पट...

नातो नामको जी म्हांसूं तनक न तोड्यो जाय॥ पानां ज्यूं पीली पड़ी रे लोग कहैं पिंड...

राम मिलण रो घणो उमावो नित उठ जोऊं बाटड़ियाँ। दरस बिना मोहि कछु न सुहावै जक...

प्यारे दरसन दीज्यो आय तुम बिन रह्यो न जाय॥ जल बिन कमल चंद बिन रजनी। ऐसे...

मीरा को प्रभु साँची दासी बनाओ। झूठे धंधों से मेरा फंदा छुड़ाओ॥ लूटे ही लेत विवेक...

हरि बिन कूण गती मेरी। तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी॥ आदि अंत निज नाँव...

मेरो मन राम हि राम रटै। रामनाम जप लीजै प्राणी कोटिक पाप कटै। जनमजनम के खत...

राम नाम रस पीजै। मनवा रामनामरस पीजै। तजि कुसंग सतसंग बैठि नित हरिचर्चा सुणि लीजै। काम...

माई री मैं तो लियो गोविंदो मोल। कोई कहै छानै कोई कहै छुपकै लियो री बजंता...