नहिं ऐसो जन्म बारबार मानव जन्म का गुणगान गाती है मीरा। नहिं ऐसो जन्म बारबार का...

अवघा रंग एक झाला। रंगी रंगला श्रीरंग।। धृ ।। मीतूपण गेले वाया। पाहता पंढरीच्या राया।। ।।...

मैं गिरधर के घर जाऊं। गिरधर म्हारो साचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊं। रैन पड़े तब ही...

गोबिंद कबहुं मिलै पिया मेरा। चरण कमल को हंसि हंसि देखूँ राखूं नैना नेरा। निरखन को...

हरि बिन क्यूँ जीऊँ री माय। हरि कारण बौरी भई जस काठहि घुन खाय। औषध मूल...

हरि तुम हरो जन की पीर द्रोपदी की लाज राखी तुरत बढ़ायो चीर। भगत कारण रूप...

हे री मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दर्द न जाणै कोय। घायल की गति घायल जाणै...

सांवरे की दृष्टि मानो प्रेम की कटारी है। आली लागत बेहाल भई तन की सुध बुध...

श्री गिरधर आगे नाचूँगी। नाचनाच पिव रसिक रिझाऊँ प्रेमी जन को जांचूँगी। प्रेम प्रीत का बाँध...

लगी मोहि राम खुमारी। रिमझिम बरसे मेहड़ा भीजै तन सारी चहुं दिस दमकै दामनी गरजै घन...

रूप देख अटकी हाँ रूप देख अटकी। देह ते विदेह भई धर पर सिर मटकी। मात...

राम नाम मेरे मन बसियो रसियो राम रिझाऊँ ए माए। मैं मदभागन करम अभागन कीरति कैसे...