मैं तो गुरु अपनेसे होरी खेलुं मन धार री ॥ टेक ॥ प्रेमभाव का रंग बनावु...

होरी कुञ्ज गलिन में खेलत नंद कुमार री ॥ टेक ॥ मोरमुकुट सिर ऊपर सोहे गल...

तजो अब नींद रे मुसाफिर करो तयारी रे ॥ टेक ॥ इस नगरी के नौ दरवाजे...

सुनो जगदीश प्रभु अरज हमारी ॥ टेक ॥ मानुष जन्म मिला जग माही किरपा भई तुमारी...

जपो हरिनाम बन्दे उमर बिहानी रे ॥ टेक ॥ बालपणो सब खेल गमायो तिरिया मोह जुवानी...

जगत में जीवन है दिन चार सुकृतकर हरिनाम सुमर ले मानुष जन्म सुधार ॥ टेक ॥...

जगत में रामनाम है सार सोच समझ नर देख पियारे नश्वर सब संसार ॥ टेक ॥...

जगत में स्वारथ का व्यवहार बिन स्वारथ कोई बात न पूछे देखा खूब बिचार ॥ टेक...

सुमर नर रामनाम सुखधाम जनम मरण के बंधन छूटें पूर्ण हों सब काम ॥ टेक ॥...

जगतपति ईश्वर दयानिधान सकल जगत का कर्ता हर्ता व्यापक तुं भगवान् ॥ टेक ॥ जलकी बूंद...

जगतपति ईश्वर तुं सुखकंद सत चित आनंद रूप तुमारो ध्यावत सुरमुनि वृंद ॥ टेक ॥ मायाजाल...

जगतपति ईश्वर तुं करतार सकल जगत में जीव चराचर सब तुमरा परिवार ॥ टेक ॥ एक...