मेरा पिया मुझे दिखलादो रे कोई आनके आज मिलादो रे ॥ टेक ॥ मैं बिहरण नित...

दर्शन बिन जियरा तरसे रे मेरे नैन धार जल बरसे रे ॥ टेक ॥ मैं पापन...

हरिदर्शन की मैं प्यासी रे मेरी सुनिये अरज अविनाशी रे ॥ टेक ॥ निर्गुण से मोहे...

हरिभजन बिना सुखनाही रे नर क्यों बिरथा भटकाई रे ॥ टेक ॥ काशी गया द्वारका जावे...

गुरु चरणकमल बलिहारी रे मेरे मनकी दुविधा टारी रे ॥ टेक ॥ भवसागर में नीर अपारा...

हरिरस भरी बैन बजाई रे मेरे तन की सुध बिसराई रे ॥ टेक ॥ सुनकर बंसी...

सखी सुन हाल हमारा शामसुंदर मोहे लगे पियारा खानपान सुध भूल गई घरकाज बिसारारे ॥ टेक...

मुझे दे दर्शन गिरिधारी रे तेरी सांवरी सूरत पे वारीरे ॥ टेक ॥ जमुनातट हरि धेनु...

सदाशिव शंकर दाता पूरण ब्रम्ह जगत पितुमाता भक्तन के हितकर सदा कैलास बसातारे ॥ टेक ॥...

करो सतसंग पियारा जन्म सफल हो जाय तुमारा संशय सकल मिटाय ज्ञानका होय उजारारे ॥ टेक...

सुनो जगदीशपियारा विनती हमारी पिता हमारा हम बालक तुझ शरण पडे दे चरण सहारा रे ॥...

नाथ मैं शरण तुमारी आज सुनो प्रभु अरज हमारी दीनदयाल दयानिधि भक्तन के हितकारी रे ॥...