जो चाहो मस्ती तो मिटावो हस्ती हो जाओ साहिब के। साहिब मेरा नित नवां नहीं होए...

जे तू अखियां दे सामने नहीं रहणा ते जोगी साडा दिल मोड़ दे।। इस जोगी मैंनू...

तेरी सूरत जो मन में बसी है क्या करूँ जा के मंदिर शिवाले। ख़ाक हो गए...

तेरे दर ते सवाली बन आ गया दर आया नूं खाली नहीं मोड़ना। छड्डे जिनां सहारे...

तेरे फूलों से भी प्यार तेरे कांटों से भी प्यार। जो तू देना चाहे दे दे...

दिलों में जो प्यार हो तो प्रभुजी की याद हो तो। जानो तुम तरे भव से...

दीवा बाल के मिटा लै अंधेरा कुल्ली दे विचों राम लभ लै। खा गया ए तैनूं...

ना सजदा करते थे हम कभी काबे के सिवा। सिर खुद बखुद ही झुक गया कामल...

प्रेम नगर दा रंग वखरा दुनिया तों। प्रेम नगर विच प्रेमी वसदे कदी रोंदे कदी खिड़...

मेरा रुठे न जी मोहन प्यारा चाहे सारा जग रुठे। मैं तेरी हूँ तू है मेरा...

मैं नेओ तेरे नाल लाया अपना आप चढ़ाया। दस्स होर साहिब की करां हाय आखिर जी...

मैं द्वारे तेरे आई आ के झोली फैलायी तू दे दे दाता जो चाहे। चाह नहीं...