मेरा शीश गुरु चरणीं टिकाया रैन दे। मैंनू नाम दा अनोखा रस आया रैन दे।। दुनिया...

प्रेम से भर के दिल की झोली सत् गुरु चरणों में आ खोली। भाव भी हैं...

ऐसा कोई ना मिला समुझै सैन सुजान। ढोल बाजता ना सुनै सुरतिबिहूना कान।। ऐसा कोई ना...

हरि बिन क्यूँ जीऊँ री माय। हरि कारण बौरी भई जस काठहि घुन खाय। औषध मूल...

हम तो दीवाने तेरे हैं हम तो मस्ताने तेरे हैं। हम योगी हैं कोई रोगी नहीं...

हम तुमसे जुदा हो सारा जन्म रोते ही रहे रोते ही रहे मन विषयों में फंसा...

हे री मैं तो प्रेम दीवानी मेरो दर्द न जाणै कोय। घायल की गति घायल जाणै...

साधो सदगुरु संग रंग होली का खेलो। वैराग्य का साबुन मन को लगाओ धोवो मलमल के...

सांवरे की दृष्टि मानो प्रेम की कटारी है। आली लागत बेहाल भई तन की सुध बुध...

संतन के संग लाग री तेरी अच्छी बनेगी। होय तेरो बड़ो भाग री तेरी अच्छी बनेगी।...

सतगुरु मुझे राम मिला देना। जन्मजन्म से भटक रहा मैं आस लिये तेरे पास आया मैं...

श्री गिरधर आगे नाचूँगी। नाचनाच पिव रसिक रिझाऊँ प्रेमी जन को जांचूँगी। प्रेम प्रीत का बाँध...