घुंघट चुक ओ सजना हुण शरमां काहनूं रखीआं वे।। ज़ुल्फ कुंडल दा घेरा पाया बिसीअर हो...

बंसी अचरज कान्ह बजाई। बंसी वालया कान्ह कहावें शब्द अनेक अनूप सुनावें। अखियाँ दे विच नज़र...

सईयाँ निकर गये मैं ना लरी। ना मैं बोली ना मैं चाली ओढ़ी चुनरिया परी रही।...

सिधि बोलनि सुभ बचनि धनु नानक तेरी वडी कमाई। वडा पुरवु परगटिआ कलिजुगि अंदरि जोति जगाई।...

अंधियारे दीपकु चहीऐ।। इक बसतु अगोचर लहीऐ।। बसतु अगोचर पाई।। घटि दीपकु रहिआ समाई। किआ पढ़ीऐ...

हरि बिनु रहि न सकै मनु मेरा।। मेरे प्रीतम प्रान हरि प्रभु गुरु मेले बहुरि न...

हरि बिनु तेरो को न सहाई।। कां की मात पिता सुत बनिता को काहू को भाई।।...

मै बनजारनि राम की।। तेरा नामु वखरु वापारु जी।। हरणी होवा बनि बसा कंद मूल चुणि...

मैं गिरधर के घर जाऊं। गिरधर म्हारो साचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊं। रैन पड़े तब ही...

जोगिया जोगिया लै चल वाही देस। बिना मोल तेरे हाथ बिकानी करूं जो हो आदेस। तन...

गुरु पैया लागौ नाम लखा दीजो न। जन्मजन्म का सोयल मनवा सब्दन मार जगा दीजो न।...

फ़कीरों की दुनिया अजब है निराली। सदा उनके चेहरे पे रहती है लाली।। फ़कीरोंकी दुनिया गम...