रूप देख अटकी हाँ रूप देख अटकी। देह ते विदेह भई धर पर सिर मटकी। मात...

राम रस मीठा रे कोई पीवे संत सुजान। इहि रस मुनि लागै सबै ब्रह्मा विष्णु महेश...

राम नाम मेरे मन बसियो रसियो राम रिझाऊँ ए माए। मैं मदभागन करम अभागन कीरति कैसे...

रंगन वालया ललारिया मैंनू रंग दे। मन रंग दे मेरा तन रंग दे। ऐसा रंग रंगों...

मोहे लागी लगन तेरे दर्शन की। जैसे बन में पपीहा मन में आस करे नित दर्शन...

मोहन मुरली वाले कह दो कब दर्शन दिखलाओगे। मुझ पागल बिरहन की मोहन कब तुम प्यास...

मैं हूँ राम की दुल्हनिया। साज आरती मंगल गाऊं प्रीतम अपने को मैं रिझाऊं द्वार द्वार...

मैं हूँ यह एक ख़्याल है। तू है यह एक हक़ीक़त है। ख़्याल खो जाये तो...

मैं रख दूँ अपना आप तेरे चरणों में। मैं तेरी हूँ तू है मेरा हो जाये...

मैं तेरी शरण में हूँ तेरी शरण। तू मेरा मालिक मैं तेरी शरण। दुनिया की कोई...

मेरे मन रामराम कहो रे। राम नाम मोहे सहज सुहावे उनके चरण मन लीन रहो रे।...

मेरी नसनस में बसा मेरे मन में तू रमा। सांवरिया रे बीते न एक पल तेरी...