पायो जी मैंने राम रतन धन पायो वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु कर किरपा अपनायो। जन्मजन्म...

पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे। मैं तो मेरे नारायण की हो गई आप ही दासी...

प्यारे सतगुरु ने बंसी छेड़ी ज्ञान की मैंने पाई है तृप्ति चारों धाम की। प्रीत क्या...

पी ले प्याला हो मतवाला प्याला प्रेम हरि रस का रे। बालपना सब खेल गंवाया तरूण...

नूर रहा भरपूर अमीरस पीजिये रस मौहै रस होई लाहा लीजिये। परगट तेज अनंत पार नहीं...

नज़रों से देख प्यारे प्रभु क्या दिखा रहा है। सब चीज़ सब जगह में ईश्वर समा...

नी मैं कमली हाँ। हाजी लोक मक्के नू जान्दे मेरा रांझा माही मक्का। मैं ते संग...

दुनिया दो दिन का है मेला जिसको समझ पड़े अलबेला। जैसी करनी वैसी भरनी गुरु हो...

दिया जले अगम का बिन बाती बिन तेल। नूर तेरा है सब ओर देखा है मैंने...

दरस बिन दूखन लागे नैन जब से तुम बिछुरे प्रभु मोरे कबहुं न पायो चैन। सबद...

दरस दीवाना बावला अलमस्त फकीरा। एक अकेला होए रहा अस मत का धीरा। हिरदे में महबूब...

दर्शन बिन जियरा तरसे। विनती हमारी अब सुनो रे गिरधारी पड़त न चैन अब दिन रैन...