How Can I Come And Be In Your Presence Gurumaa?

1177 views | 02 Jul 2009

मैं जानना चाहता हूँ मन में एक अशांति सी रहती है, मन एकाग्र नही होता, मैं कुछ चीज़ें ग़लत करता हूँ, ये भी जानता हूँ, कोई काम शुरू करता हूँ तो मन हट जाता है, समझ नही आता किधर जाऊँ! आपसे face to face मिलने का बहुत मन है पर जब भी आना चाहा आ नही पाया, आपकी वाणी से निकला प्रवचन सीधे दिल को छूता है क्या माँ आप मुझे बुलाएँगे? क्योंकि जब तक आप नही चाहेंगे तब तक मैं नही आ सकता| A: पहली बात तो ये है नितिन, हम ना किसी को बुलाते हैं, ना किसी को भेजते हैं, ना किसी को पुकारते हैं, ना किसी को धकेलते हैं| जब तुम आना चाहोगे तब तुम ज़रूर हमारे तक पहुँच जाओगे| अभी फिलहाल मन अशांत है तुम्हारा तो क्या हो गया, थोड़ा अशांति का भी मज़ा लो| अशांति से भी क्या घबराना क्योकि अशांति है तो पीछे पीछे कहीं ना कहीं, कभी ना कभी किसी ना किसी कृपा, किसी ना किसी साधना से शांति भी चली आएगी सो फ़िक्र मत कर| हो सके तो थोड़ा सा ओम नमः शिवाए, ओम नमः शिवाए का जप किया करो| समय आने पर बड़ा जी ज़ोर मारे तो हमारी वेबसाइट में हमारा प्रोग्राम पता देखकर जब भी हम आश्रम में हॉ, ज़रूर आईयगा|

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