माया तजि न जाई अवधू | कबीर भजन

3288 views | 21 Dec 2022

माया तजि न जाई अवधू , माया तजी न जाई । गिरह तज के बस्तर बांधा, बस्तर तज के फेरी । काम तजे तें क्रोध न जाई, क्रोध तजे तें लोभा । लोभ तजे अहँकार न जाई, मान-बड़ाई-सोभा । मन बैरागी माया त्यागी, शब्द में सुरत समाई । कहैं कबीर सुनो भाई साधो, यह गम बिरले पाई ॥ Listen to this enlightening bhajan by Kabir Sahib in the melodious voice of Gurudev Anandmurti Gurumaa. A beautiful composition that elaborates on the two gems of devotion and dispassion. The mind finds no solace in the comfort of maya.

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