Why There Is Not Any Growth In My Spiritual Journey?
2392 views | 02 Jul 2009
आपको सुनते हुए 8 साल हो गये हैं, फिर भी मुझमे कुछ खास बदलाव नही आया, खुद को कहीं ना कहीं दोषी मानती हूँ| जब आपके सान्निध्य में होती हूँ, तो ग्लानि महसूस होती है पर 3 दिन बाद फिर वही सब शुरू हो जाता है ऐसा करके मैने 8 साल खराब कर दिए| कृपया मुझे कड़ा दंड दें, मैं अपनी नींद से जाग सकूँ और साधना को शुरू कर सकूँ, मेरी यह विनती है| A:शिखा 8 साल, 80 साल या 800 साल क्या फ़र्क पड़ता है जब तक तुम ना जागना चाहो तुम्हें कोई नही जगा सकता और ये जो तुम लिखती हो कि मिलने पर मुझे ग्लानि होती है ग्लानि क्यो करती हो तुम एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बन कर इस बात को स्वीकार क्यो नही कर लेते कि अभी तुम्हारे अंदर वो भूख नही है अभी संसार की इच्छाएँ और वासनाएँ इतनी बली हैं इतनी गहरी हैं और जब तक ये वासनाएँ ज़ोर मारती रहेंगी धर्म, अध्यात्म, साधना ये सिर्फ़ दिल बहलाने के लिए अच्छे ख्याल तो हो सकते हैं लेकिन इससे आपको तृप्ति कभी भी नही मिल सकती| अपने दिल में ढूढो अगर दिल में चाह संसार की है तो अपने आप को धोखा मत दो स्वीकार करो कि अभी तुम एक साधक नही हो, ना साधक बन पा रहे हो अभी आप जो कर सकते हैं थोड़ा बहुत उतना ही कीजिए and just leave everything else to the time. May be you are still not ready to be on that.
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