अंधियारे दीपकु चहीऐ।। इक बसतु अगोचर लहीऐ।। बसतु अगोचर पाई।। घटि दीपकु रहिआ समाई। किआ पढ़ीऐ...

हरि बिनु रहि न सकै मनु मेरा।। मेरे प्रीतम प्रान हरि प्रभु गुरु मेले बहुरि न...

हरि बिनु तेरो को न सहाई।। कां की मात पिता सुत बनिता को काहू को भाई।।...

मै बनजारनि राम की।। तेरा नामु वखरु वापारु जी।। हरणी होवा बनि बसा कंद मूल चुणि...

मैं गिरधर के घर जाऊं। गिरधर म्हारो साचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊं। रैन पड़े तब ही...

जोगिया जोगिया लै चल वाही देस। बिना मोल तेरे हाथ बिकानी करूं जो हो आदेस। तन...

गुरु पैया लागौ नाम लखा दीजो न। जन्मजन्म का सोयल मनवा सब्दन मार जगा दीजो न।...

फ़कीरों की दुनिया अजब है निराली। सदा उनके चेहरे पे रहती है लाली।। फ़कीरोंकी दुनिया गम...

प्रभु मेरे अंतर के पट खोल चाहे मेरी आँखें ले ले ज्ञान की आँखें खोल। बिकने...

हो जा खुशी से अपने भगवान के हवाले मर्जी पे छोड़ उसकी दाता जैसे भी वो...

राजी ओस दी रजा विच रहिये कुल्ली पावें कख दी रवे। ओदी मार वी प्यार नाल...

लग्गी लग जावे दिल नूं तेरी दुआ न कोई होर मंगदी। तेरे पैरां च अखीर होवे...