जीना है तो मौज से जी हर दम आत्म रस को पी। आत्म रस को पी...

जो तू है सो मैं हूँ जो मैं हूँ सो तू है। न कोई आरजू है...

दिल में दिलबर मिल गया काबे में जायें क्या ज़रूर। दुई से हम पाक हुए गंगा...

मैं सत् चित् आनंद रूपा हूं बतला दिया सत् गुरु प्यारे ने। कर सच्चे गुरु दा...

मेरा सत् चित् आनन्द रूप कोई कोई जाने रे। पंच कोष से मैं हूं न्यारा तीन...

अजब प्याला अवैदत का जो साकी ने पिलाया है। अजब रंगत अजब मस्ती अजायब नशा छाया...

अपने आप का कर ले विचार। जागो जल्दी हैं दिन चार।। थोड़ा समय तुम यूँ निकालो।...

तू ही तू तू ही तू मेरी जान भी तू और ईमान भी तू ये जमीन...

मुझे मेरी मस्ती कहाँ ले के आई जहाँ मेरे अपने सिवा कुछ नहीं है। लगा जब...

मैं हूँ लाल सर्व मेरी लाली मेरे लाल बिन कोई न खाली। इस मेरी लाली को...

लै चल पवन उड़ा जित्थे प्रीतम दा देस। दुःख नाही सुख नाहीं आनन्द दा है भेस।...

सुमिरन कर लो जी हीरा जनम अनमोल। चोला रंग लो जी इसका न लागे मोल।। किरपा...