Aparokshanubhuti  - Adi Shankaracharya Virachit

Scriptures

Language: Hindi  

Aparokshanubhuti  Adi Shankaracharya Virachit

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Language: Hindi  

About the book

आदि शंकराचार्य ऐसी परम विभूति हैं जिन्होंने सनातन धर्म की अखण्ड धारा को संगठित स्वरूप प्रदान कर, आध्यात्मिक क्रांति की ज्योति प्रज्वलित की। उन्होंने ‘अपरोक्षानुभूति’ प्रकरण ग्रन्थ के रूप में आत्मबोध की ऐसी विलक्षण विद्या को शब्दबद्ध किया, जिससे विचारशील साधक शोक-मोह की भ्रांतियों से मुक्त होकर, निज स्वरूप में प्रतिष्ठित हो सके। ‘अपरोक्षानुभूति’ ग्रन्थ आत्म-अनात्म विवेक, विचार का विषय, प्रपंच का मिथ्यात्व, सर्व ही ब्रह्म है, ब्रह्माकार वृत्ति की महिमा आदि अनेक विषयों को सूक्ष्मता से उद्घाटित करता है। जब एक श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ सद्गुरु तर्कसंगत अनुसंधान से इस क्रमबद्ध प्रक्रिया को प्रतिपादित करते हैं तो जिज्ञासु के लिए मुक्ति का द्वार तत्क्षण खुल जाता है। परम पूज्य गुरुदेव आनन्दमूर्ति गुरुमाँ के व्याख्यान में गूढ़ तात्त्विक विवेचना की तेजस्विता तो है ही, साथ ही साथ जनमानस के लिए सुग्राह्यता भी है। अनुभवसमृद्ध वाणी, अपरोक्षानुभूति जैसी अद्वितीय कृति और साधन चतुष्टय से सम्पन्न शुभ मति- जब इन तीनों का संयोग होता है तो ज्ञान स्वयं आगे बढ़कर अज्ञान का आवरण चीर देता है। अद्वैत वेदान्तज्ञान रूपी महासागर से निसृत इन 144 श्लोकों रूपी रत्नों से अपने आध्यात्मिक जीवन को आलोकित करें।