Surrender
करो हरि का भजन प्यारे उमरिया बात जाती है टेक पूर्व शुभ कर्म कर आया मनुज...
बिना हरिनाम के सुमरे गति नहीं होयगी तेरी लगाले भस्म इस तनमें करो तप जाके वा...
मिलादो शाम से ऊधो तेरा गुण हम भी गावेंगी मुकुट सिर मोर पंखन का मकर कुंडल...
ऊधो वो साँवरी सूरत ह्मारा दिल चुराया है टेक बजाकर बंसरी सुंदर सुनाकर गीत रागन के...
धर्म की पालना करने लिया अवतार नारायण हमारे भाग्य थे जागे मिले हमको मुरारी है करें...
सुनो दिलको लगा प्यारे धुनी अनहदकी होती है टेक बजे है बन्सरी वीना शंख घड़ियाल मिरदन्गा...
नज़र भर देखले मुझको शरण तेरी मैं आया हुं एक कोई माता पिता बंधु सहायक है...
सुनो जगदीश दिल देके अरज अब तो हमारी है टेक जुड़ा जब से हुआ तुमसे फसा...
प्रभु सब में समाया है समाना हो तो ऐसा हो करी सब विश्व की रचना रचाना...
सदा शिव सर्व वारदाता दिगंबर हो तो ऐसा हो हरे सब दुख भक्तन के दयाकर हो...
राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो तो ऐसा हो लोक दर्शन को चल आये सुहाना...
कृष्ण घर नंद के आये सितारा हो तो ऐसा हो करें सब प्रेम से दर्शन दुलारा...