मेरी आली री शाम सुंदर दिखलादे ॥ टेक ॥
बिन दर्शन मोहे चैन न आवे री चंद्र बदन निरखादे ॥
सांवरी सूरत मोहनी मूरत री मुझको आज मिलादे ॥
जमुना तट पर बंसी बजावे री मधुरी टेर सुनादे ॥
ब्रम्हानंद चरण बलिहारी री नैन सफल करवादे ॥
मेरी आली री शाम सुंदर दिखलादे ॥ टेक ॥
बिन दर्शन मोहे चैन न आवे री चंद्र बदन निरखादे ॥
सांवरी सूरत मोहनी मूरत री मुझको आज मिलादे ॥
जमुना तट पर बंसी बजावे री मधुरी टेर सुनादे ॥
ब्रम्हानंद चरण बलिहारी री नैन सफल करवादे ॥