गुरु के चरण की रज ले के दोउ नैन के बीच अंजन दिया तिमिर मेट उजियार...
जोति सरूपी आतमा घट घट रहो समाय। परम तत्त मन भावनो नेक न इत उत जाय।।।।...
बिन बंदगी इस आलम में खाना तुझे हराम है रे। बंदा करै सोइ बंदगी ख़िदमत में...
।।कबित्त।। यारी आदि ओंकार जा सों यह भयो संसार अच्छर दवात बीच ढूँढे नाहिं पायो है...
।।कबित्त।। लेइ स्याही द्वात माहिं तौलै तो अच्छर नाहि कुल सेती रूप न्यारो न्यारो निकरि आयो...
अलिफ़ एक हरि नाम विचार। बे भजु बिस्व तारन संसार ।। ते त्रिभुवन सब घट में...
अलिफनामा ककहरा फारसी का दोहा ओंकार के पार भजु तजि अभिमान कलेस। तीसो अच्छर प्रेम के...
उड़ु उड़ रे बिहंगम चढ़ अकास ।।।। जहँ नहिं चाँद सूर निस बासर सदा अमरपुर अगम...
सुन्न के मुकाम में बेचून की निसानी है ।।।। जिकिर रूह सोई अनहद बानी है ।।।।...
सतगुरु है पुरुष अकेला। पिंड ब्रह्मण्ड के बाहर मेला ।। दूर ते दूर ऊँच तें ऊँचा।...
राम रमझनी यारी जीव के ।।टेक।। घट में प्रान अपान दुबाई। अरध उरध आवै अरु जाई...
उरधमुख भाठी अवटौं कौनी भाँति। अर्ध उर्ध दोउ जोग लगायो गगन मँडल भयो माठ ।।।। गुरु...