ऐसे गुर कउ बलि बलि जाईऐ,
आपि मुकतु मोहि तारै।।
नाराइन नरपति नमसकारै।।
कवन कवन कवन गुन कहीऐ,
अंतु नही कछु पारै।।
लाख लाख लाख कई कोरै,
को है ऐसो बीचारै।।
बिसम बिसम बिसम ही भई है,
लाल गुलाल रंगारै।।
कहु नानक संतन रसु आई है,
जिउ चाखि गूंगा मुसकारै।।
ऐसे गुर कउ बलि बलि जाईऐ,
आपि मुकतु मोहि तारै।।
नाराइन नरपति नमसकारै।।
कवन कवन कवन गुन कहीऐ,
अंतु नही कछु पारै।।
लाख लाख लाख कई कोरै,
को है ऐसो बीचारै।।
बिसम बिसम बिसम ही भई है,
लाल गुलाल रंगारै।।
कहु नानक संतन रसु आई है,
जिउ चाखि गूंगा मुसकारै।।