मउली धरती मउलिआ अकासु।।
घटि घटि मउलिआ आतम प्रगासु।।

राजा रामु मउलिआ अनत भाइ।।
जह देखउ तह रहिआ समाइ।।

दुतीआ मउले चारि बेद।।
सिंम्रिति मउली सिउ कतेब।।

संकरु मउलिओ जोग धिआन।।
कबीर को सुआमी सभ समान।।