मोहन घरि आवहु करउ जोदरीआ।।

1. मनु करउ अभिमानै बोलउ, भूल चूक तेरी प्रिअ चिरिआ।।

2. निकटि सुनउ अरु पेखउ नाही, भरमि भरमि दुख भरीआ।।

3. होइ क्रिपाल गुर लाहि पारदो, मिलउ लाल मनु हरीआ।।

4. एक निमख जे बिसरै सुआमी, जानउ कोटि दिनस लख बरीआ।।

5. साधसंगति की भीर जउ पाई, तउ नानक हरि संगि मिरीआ।।