साची प्रीति हम तुम सिउ जोरी।।
तुम सिउ जोरि, अवर संगि तोरी।।
1. जउ तुम गिरिवर तउ हम मोरा।।
जउ तुम चंद तउ हम भए है चकोरा।।
2. माधवे तुम न तोरहु तउ हम नही तोरहि।।
तुम सिउ तोरि, कवन सिउ जोरहि।।
3. जउ तुम दीवरा, तउ हम बाती।।
जउ तुम तीरथ, तउ हम जाती।।
4. जह जह जाउ, तहा तेरी सेवा।।
तुम सो ठाकुरु अउरु न देवा।।
5. तुमरे भजन कटहि जम फांसा।।
भगति हेत गावै रविदासा।।