उडहु न कागा कारे।।
बेगि मिलीजै अपुने राम पिआरे।।

1. पंथु निहारै कामनी, लोचन भरी, ले उसासा।।
उर न भीजै, पगु ना खिसै, हरि दरसन की आसा।।

2. कहि कबीर जीवन पद कारनि, हरि की भगति करीजै।।
एकु आधारू नामु नाराइन, रसना राम रवीजै।।