छका अवधूत मस्तान माता रहै, ज्ञान बैराग सुधि लिया पूरा। १

स्वाँस उस्वाँस का प्रेम प्याला पिया, गगन गरजै तहाँ बजै तूरा। २

पीठ संसार से नाम राता रहै, जतन जरना लिया सदा खेलै। ३

कहैं कबीर गुरु पीर से सुरख़ुरू, परम सुखधाम तहँ प्रान मेलै। ४