ज़रा हल्के गाड़ी हाँकियो
मेरे राम गाड़ी वाले
ज़रा धीमे गाड़ी हाँकियो
मेरे राम गाड़ी वाले
हाँकन वाली छैल छबीली
बैंठन वाला राम
गाड़ी अटकी रेत में
मंज़िल बड़ी है दूर
धर्मी अधर्मी पार उतर गया
पापी चकना चूर - 1
देश देश का वैद्य बुलाया
लाया जड़ी और बूटी
जड़ी बूटी तेरे काम ना आयी
जद राम के घर की छूटी - 2
चार जने मिल हाथ उठाया
बांधी काठ की घोड़ी
ले जाकर मरघट पे फूंकी
फूंक दी नी जैसे होली - 3
बिलिक बिलिक कर तिरिया रोवे
बिछड़ गई नी मेरी जोड़ी
कहे कबीर सुनो भई साधो
जिन जोड़ी तिन तोड़ी - 4
ज़रा हल्के गाड़ी हाँकियो
Zara Halke Gadi Hankiyo
Zara Halke Gadi Hankiyo | Kabir Bhajan