जागो जागो हो ननदिया, महलिया आये चोर । टेक
पाँच चोर हैं बड़े दुखदायी, सरबस धन यह लूटिन मोर । १

धरि धरि मोर करधन काटै , पायल काटै का पकड़ैं गोड़। २

उठो ननदी मोरे सासू का जगायो , उठिकै लगौती शोर । ३

उठो ननदी तनि दियना जगावो, अंधेरिया महल में करतिउ अंजोर। ४

कहहिं कबीर सूरज जब निकलै, भवा भोर सब भगिहैं चोर । ५