जग में गुरु समान नहिं दाता।
वस्तु अगोचर दई मेरे सतगुरु, भली चलाई बाटा। टेक
काम अरु क्रोध कैद करि राखे, लोभ को लीन्हा नाथा। १

काल करे सो आजहि कर ले, फिर न मिले ये साथा। २

चौरासी में जाय गिरोगे, भुगतो दिन और राता। ३

शब्द पुकार पुकार कहत हैं, करले सन्तन साथा। ४

सुमिरण बंदगी कर साहेब की, काल नवावैं माथा। ५

परदा खोल मिलो सतगुरु से, उतरो भवजल साथा। ६

कहत कबीर सुनो भाई साधो, मिट जाय आता जाता। ७