कौन विधि जाहुगे मियाँ मक्के। टेक 

पाँच पचीस तीस  है  संगी,  इनका  करो यक नक्के। १   

काम बेहना जगत धुनि डारे, सुर नर मुनि सब थक्के। २  

क्रोध पठान लोभ है सैयद, ये  दो  सिपाही बड़े पक्के। ३ 

कहहि कबीर नेह में फँस गयो, क्या होइहैं  बहु बक्के। ४