ठठरी छाड़ि चले बनजारा । टेक
इस ठठरी बिच सात समुन्दर, कोई मीठा कोई खारा । १
इस ठठरी बिच चाँद सूर्य हैं , येहि बिच नौ लख तारा । २
इस ठठरी बिच पाँच रतन हैं , कोइ कोइ परखनहारा । ३
गिर पड़े ठठरी डिग परे मंदिर , जामें चिकना गारा । ४
इस ठठरी बिच नौ दरवाजे , दसवाँ गम विचारा । ५
कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सद्गुरु शब्द उबारा । ६