ठगनी क्या नैना चमकावै । टेक
कद्दू काट मृदंग बनाया, निब्बू काट मजीरा ।
पाँच तोरई मंगल गावैं नाचै बालम खीरा । १
रूपा पहिर के रूप दिखावै, सोना पहिर तरसावै ।
गले डाल मोतियन की माला, तीन लोक भरमावै । २
भैंस पद्मिनी आशिक चूहा, मेढक ताल लगावै ।
चोला पहिर के गदहा नाचै, ऊँट विष्णु पद गावै । ३
आम डार चढ़ि कछुआ तोड़े, गिलहरी चुन चुन लावै ।
कहैं कबीर सुनो भाई साधो, बगुला भोग लगावै । ४