तुम देखो लोगो भूल भुलैया का तमाशा । टेक
ना कोई आता ना कोई जाता , झूठा जगत का नाता ।
ना काहु की बहन भानजी , ना काहू की माता । १

ड्योढ़ी लग तेरी तिरिया जावे , पौली लग तेरी माता ।
मरघट तक सब जायं बराती , हंस वकील जाता । २

एकतइ ओढ़े दोतइ ओढ़े , ओढ़े मलमल खासा ।
शाल दुशाला नित ही ओढ़े , अंत खाक मिल जाता । ३

कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी , जोड़े लाख पचासा ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, संग चले ना मासा । ४