अब नर चेतो देहियाँ बुढ़ानी॥  चेतत चेतत उमर बीत गई पंथी चकित भये रहिया भुलानी॥ हड़वा...

उठ जाग उठ जाग घुराड़े मार नहीं  एह सौण तेरे दरकार नहीं।  कित्थे हैं सुलतान सिकन्दर मौत न...