कथनी बदनी सब जंजाल भाव भगति अरु राम निराल। १  कथैं बदै  सुनौं  सब  कोई कथैं...

अलख के पलक में खलक सब जायगा परख दीदार दिल यार तेरा । सुरत में निरत...

अनप्रापत बस्तु को कहा तजै प्रापत तजै सो त्यागी है।  असील तुरंग को कहा फेरे अफ़तर...

इक टूणा इक टूणा अचम्भा गावांगी मैं रुट्ठा यार मनावांगी। इह टूणा मैं पढ़ पढ़ फूकां...