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Ram Ras
रसना राम कहत तें थाको ।।।। पानी कहे कहुँ प्यास बुझत है प्यास बुझै जदि चाखो...
दिन दिन प्रीति अधिक मोंहि हरि की ।।।। काम क्रोध जंजाल भसम भयो बिरह अगिनि लगि...
मांगउ राम ते इकु दानु।। सगल मनोरथ पूरन होवहि सिमरउ तुमरा नामु।। चरन तुम्हारे हिरदै वासहि...
राम रंग बरसयो री आज मोरे अंगना में। प्रेम रंग बरसयो री आज मोरे अंगना में।।...