अनप्रापत बस्तु को कहा तजै प्रापत तजै सो त्यागी है।  असील तुरंग को कहा फेरे अफ़तर...

क्रिया कर्म आचार मैं छाँड़ा छाँड़ा तीर्थ नहाना॥ सारी दुनिया भई सयानी मैं ही एक दीवाना॥...